Monday 18 May 2020

एचपीवी वायरस की वजह से होने वाले मुंह व गले के कैंसर की हो सकेगी पहचान अब थूक की जाँच से

एचपीवी वायरस की वजह से होने वाले मुंह व गले के कैंसर की पहचान अब थूक की जाँच से हो सकेगी। इस नए परीक्षण से हर वर्ष हजारों लोगों की जान बचाई जा सकेगी। हाल के एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है। उत्तरी कैरोलिना कि ड्यूक यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों क अनुसार थूक की यह जाँच बीमारी की पहचान 80 प्रतिशत सटीकता के साथ कर सकती है। शोधकर्ताओं को पूरी उम्मीद है कि इससे हजारों लोगों को फायदा मिलेगा व पहले से ही गले व मुंह के कैंसर की जाँच कर ली जाएगी।


10 मिनट में रिज्लट दे सकती है
डॉक्टरों का बोलना है कि यह जाँच कैंसर का जल्द से जल्द पता लगाने में सक्षम है व यह मरीजों को कैंसर के विरूद्ध अपनी लड़ाई लड़ने में मदद कर सकती है। दुनियाभर के अस्पतालों में इस जाँच का प्रयोग किया जा सके इसके लिए क्लिनिकल ट्रायल करने की भी जरूरत है। लेकिन शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि यह जाँच बीमारी की पहचान करने में पूरी तरह से सक्षम है। यह प्रक्रिया सस्ती है व सिर्फ 10 मिनट में रिज्लट दे सकती है।

यौन संबंध बनाने के दौरान शरीर में प्रवेश करता है
पश्चिमी राष्ट्रों में मुंह व गले के कैंसर के मुद्दे में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। एक दशक में यूके में इस बीमारी के मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। यह बीमारी ह्यूमन पापिलोमा वायरस से होती है। यह वायरस यौन संबंध बनाने के दौरान एक दूसरे के शरीर में प्रवेश करता है व संक्रमण को बढ़ावा देता है। जोखिम के दूसरे कारकों में अत्याधिक मात्रा में शराब का सेवन व लंबे समय तक धूम्रपान करना शामिल है।

बचाव की उम्मीद 50 से 90 प्रतिशत तक बढ़ जाती हैशोधकर्ता प्रोफेसर टोनी जुन हाउंग ने बोला कि दुनियाभर में हर वर्ष कैंसर के ऐसे 1 लाख 15 हजार मुद्दे सामने आते हैं। उन्होंने बोला कि युवाओं में एचपीवी वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण इस कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। यह कैंसर ओरफरीनक्स में होता है। यह गले के पीछे जीभ व टोंसिल के पास स्थित होता है। इस कैंसर की जल्द पहचान होने से इसके बचाव की उम्मीद 50 से 90 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। लेकिन एडवांस स्टेज से पहले इस कैंसर की पहचान नहीं हो पाती है। इन्हें रूटीन चेकअप में देख पाना कठिन होता है।

कैंसर कणों की पहचान करेगी चिप
नयी जाँच में एक चिप थूक में उपस्थित एक्सोजोम नामक सूक्ष्म कणों को अलग कर देती है। यह कण कैंसर के पनपने पर शरीर में पैदा होते हैं। एक्सोजोम कैंसर व विभिन्न कोशिकाओं के बीच अणुओं का लेन देन करने के लिए जाने जाते हैं। नयी जाँच में इस एक्सोजोम को अलग कर इनमें ट्यूमर के डीएनए की खोज की जाती है। यह लार में उपस्थित एचपीवी-16 वायरस की भी पहचान करती है जिससे गले के कोष में कैंसर होता है। इस जाँच में 5 मिनट का समय लगता है।

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