Monday 18 May 2020

योग से दिमागी ऊर्जा का संतुलन बना रहता है बेहतर, कई हिस्सों की बढ़ जाती है शक्ति

नई दिल्ली : शरीर संचालन में दिमागी ऊर्जा की प्रमुख भूमिका होती है. शरीर में ऊर्जा की खपत का अधिकांश हिस्सा इसी दिमाग पर होता है. अब शोध से पता चला है कि योग से दिमागी ऊर्जा का संतुलन बेहतर बना रहता है. इसको लेकर वैज्ञानिकों ने 11 अलग अलग शोध किये. हालांकि, सामान्य किस्म के कसरत या एरोबिक्स से भी ऐसे लाभ होते हैं लेकिन योग से यह फायदा सर्वाधिक होने की वैज्ञानिक पुष्टि हुई है.
शोध के दौरान इलिनियोज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने ऐसे लोगों को चुना था, जिनका पहले से योग से कोई वास्ता नहीं था. इनलोगों को दस से लेकर 24 सप्ताह तक योग कराया गया. योग से होने वाले दिमागी बदलाव के आंकड़े नियमित तौर पर दर्ज किये गये. प्रारंभ से लेकर अंत तक के दिमागी गतिविधियों के निष्कर्ष के आधार पर यह पाया गया कि जैसे जैसे नये लोग इससे अभ्यस्त होते गये, उनके दिमागी गतिविधियों में बिजली के तरंगों की स्थिति दिनोंदिन बेहतर होती चली गयी.
इस प्रकार के पांच अलग अलग प्रयोगों का एक जैसा ही निष्कर्ष निकला. इसके अलावा भी छह अन्य प्रयोग वैसे लोगों के बीच हुआ, जिनमें से कुछ लोग नियमित तौर पर योगाभ्यास किया करते थे और शेष लोग योग से अंजान थे. मानव मस्तिष्क के एमआरआइ से यह पाया गया कि नियमित योगाभ्यास करने वालों के दिमाग के अंदर हिप्पोकैंपस का इलाका बेहतर स्थिति में था. इसके लिए वैज्ञानिकों ने एमआरआइ में सिंगल फोटोन रश्मि के प्रभाव को नापा था.
योग से दिमाग पर पड़ने वाले प्रभाव की जांच हुई है
इस शोध से जुड़ी इलिनियोस विश्वविद्यालय की नेहा गोथे ने कहा कि योग से दिमागी के इस हिप्पो कैम्पस इलाका विकसित और स्वस्थ्य अवस्था में रहता है. वह इस बारे में प्रकाशित शोध प्रबंध की सह लेखक भी हैं. दिमाग का यह हिस्सा दरअसल इंसान की स्मरण शक्ति बनाये रखता है. आम तौर पर उम्र के साथ साथ इसका आकार छोटा होता जाता है. इसी वजह से अधिक उम्र में लोगों को भूलने की बीमारी हो जाती है. इसके अलावा दिमाग के एक अन्य हिस्से जिसे एमिगडाला कहते हैं, पर भी योग से बेहतर असर देखा गया है.
दिमाग का यह हिस्सा दरअसल इंसान की भावनाओं को नियंत्रित करता है. नियमित योग से यह हिस्सा भी औसत से बड़ा हो जाता है. जाहिर है कि इस बड़े हिस्से की वजह से योग करने वाला अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने में अधिक सक्षम हो जाता है. शोध में दिमाग के अन्य हिस्सों मसलन प्रि फ्रंटल कोरटेक्स, सिगुलेट कोरटेक्स पर भी योग से पड़ने वाले प्रभाव को आंका गया था.
इन सभी हिस्सों में योग से बेहतर प्रभाव के परिणाम वैज्ञानिक शोध में दर्ज किये गये हैं. इनमें से प्रि फ्रंटल कोरटेक्स इंसान की ललाट के पीछे होता है. यह भाग इंसान को योजना बनाने तथा निर्णय लेने की क्षमता विकसित करने में मदद करता है. दिमाग की यह हिस्सा एक साथ कई काम करने की शक्ति प्रदान करता है. यह जानकारी सह लेखक जेसिका डामिसियेक्स ने दी है. वह वायने स्टेट विश्वविद्यालय की वैज्ञानिक हैं.
ऐसा क्यों और कैसे होता है, इसे समझ नहीं पाये हैं वैज्ञानिक वैसे शोध कर्ता इस बात को दर्ज नहीं कर पाये हैं कि योग करने से ऐसा किस तरीके से होता है. लेकिन दिमाग पर पड़ने वाले इन प्रभावों को दर्ज करने में उन्हें सफलता मिली है. इससे इंसान की दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव की वजह से दिमाग के यह सारे हिस्से औसत इंसान के मुकाबले अधिक बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं.
शोधकर्ताओं का मानना है कि दिमाग के अंदर कोई एक बॉयोल़जिकल चाभी है, जो नियमित योगाभ्यास से खुलती है और इस चाभी के खुल जाने से दिमाग की शक्ति का विकास हो पाता है. इस शोध निष्कर्ष के बाद वैज्ञानिक इस शोध को और आगे बढ़ाना चाहते हैं ताकि यह समझा जा सके कि दरअसल इसके साथ दिमागी शक्ति के विकास का क्या रिश्ता है.

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